जी आकाश बने भारत के 66 वें शतरंज ग्रांड मास्टर
कोविड 19 की स्थिति के कारण दुनिया भर की खेल की तरह भारत की खेल की गतिविधियां तो बंद है पर शतरंज मे जरूर भारत कुछ ना कुछ उपलब्धियां हासिल कर पा रहा है । भारत के लिए अच्छी खबर ये है की हमें अब अपना 66वां ग्रांड मास्टर मिल गया है । 3 जुलाई को सम्पन्न हुई फीडे कॉंग्रेस की ऑनलाइन मीटिंग मे भारत के गनेशन आकाश को विश्व शतरंज संघ नें ग्रांड मास्टर के खिताब से नवाजा है । जी आकाश भारत के उन खिलाड़ियों मे शामिल है जिन्हे बेहद कम उम्र मे नेशनल चैम्पियन बनने का गौरव हासिल है । इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए शतरंज से काफी समय तक दूर रहे आकाश का ग्रांड मास्टर बनना एक बेहद बड़ी बात है । पढे यह लेख
आकाश को भारतीय शतरंज जगत में एक शानदार आक्रामक खिलाड़ी के तौर पर जाना जाता है साथ ही निडरता उनके खेल को और खास बनाती है । 2335 रेटिंग के साथ, आकाशसामने 13 ग्रांड मास्टर थे और सैट ही सभी विश्व कप मे जगह बनाने के लिए भी प्रयास कर रहे थे । लेकिन आकष के मन मे इन बाद एखिलाड़ियों के खेल के प्रति कोई सम्मान नहीं था और वह इस स्पर्धा में 9.0/13 के स्कोर के साथ पहले स्थान पर रहे थे , विदित गुजराती, अरुण प्रसाद, दीप सेनगुप्ता, और अधिबन ललित बाबू, वेंकटेश, गोपाल आदि बड़े बड़े नामों की मौजूदगी में उन्होने नेशनल चैम्पियन का खिताब जीतकर अपनी प्रतिभा का परिचय दे दिया था ।
इसके बाद उन्होंने विश्व कप 2013 में फबियानों करुआना के खिलाफ अपना पहला राउंड खेला था, और हालांकि उन्हे इसमें पराजय का सामना करना पद आता पर , यह स्पष्ट था कि आकाश बड़े मंच पर पहुंच चुके थे। बाद मैं उन्होने इंटरनेशनल मास्टर की उपाधि हासिल कर ली , लेकिन फिर अपनी पढ़ाई के कारण कुछ समय के लिए शतरंज को बंद करना पड़ा। इंजीनियर बनने के बाद वह फिर एक बार वापस शतरंज मे लौटे ।
जुलाई 2013 से जुलाई 2018 तक, आकाश ने सिर्फ 130 रेटेड गेम खेले! जुलाई 2018 में, आकाश ने शतरंज में वापसी की। पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने 200+ गेम खेले और 2391 के एलो से 2500 की रेटिंग तक पहुंचे।
आकाश ने कोलकाता में 2012 में नेशनल चैंपियनशिप में अपना पहला ग्रांड मास्टर नार्म हासिल किया था ।दूसरा 2019 में हंगरी के बाल्टोनटल में हासिल किया तो तीसरा ग्रांड मास्टर नार्म 2019 में सिक्किम की नेशनल चैंपियनशिप में हासिल किया गया। कोविड के आने से ठीक पहले आकाश ने प्राग शतरंज महोत्सव 2020 में अपना चौंथा ग्रांड मास्टर नार्म भी हासिल कर लिया ।
3 जुलाई को विश्व शतरंज संघ नें उनके ग्रांड मास्टर बनने की पुष्टि कर दी । उन्होने अपनी योग्यता साबित की । आकाश को बहुत बहुत बधाई ! बनकर ग्रांडमास्टर साथ के समर्पण और ध्यान बहुत उन्होंने, बाद के बनने इंजीनियर और लेने ब्रेक लंबा एक लिए के वर्षों पाँच लगभग है। संभव संतुलन में शिक्षा और शतरंज कि है बताती हमें कहानी की सफलता की आकाश