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भारत के छह नन्हे सितारों को क्रामनिक देंगे प्रशिक्षण

by Niklesh Jain - 23/07/2019
ब्लादिमीर क्रामनिक का नाम ही काफी है विश्व शतरंज जगत में उनके योगदान को रेखांकित करने के लिए जब उन्होंने विश्व शतरंज से इस जनवरी में एक क्लासिकल खिलाडी के तौर पर सन्यास लेने की घोषणा की तो दुनिया भर में फ़ैले उनके प्रशंसक दुखी हो गए और उन्हें लगा की क्लासिकल शतरंज का यह जादूगर अब उन्हें शतरंज में देखने को नहीं मिलेगा पर जैसा की तब भी क्रामनिक नें इशारा किया था की वह शतरंज से जुड़े रहेंगे अब क्रामनिक आये है एक नए रूप में जो वाकई बेहद खास होगा क्यूंकि अब वह बनकर सामने आये है एक प्रशिक्षक के तौर पर विश्व चैंपियन रहे किसी खिलाडी का अनुभव अगर प्रशिक्षक के पास होगा तो कहने के लिए ज्यादा कुछ बचता नहीं है की प्रशिक्षण लेने वाले कितने भाग्यशाली होंगे । खैर खुशी की बात यह है की क्रामनिक नें इसके लिए छह प्रतिभाशाली भारतीय खिलाड़ियों को चुना है और वह कौन है और कैसे होगा यह प्रशिक्षण उसके लिए पढे यह लेख

जेनेवा , स्विट्जरलैंड पूर्व विश्व चैम्पियन और क्लासिकल शतरंज के सबसे महान खिलाड़ियों में शुमार किए जाने वाले रूस के व्लादिमीर क्रामनिक नें कुछ माह पहले अपने अचानक सन्यास की खबर से सभी को चौंका दिया था 

खैर उन्होने उसी समय यह संकेत दिया था की वह खेल से जुड़े रहेंगे और उन्होने एक कोच के तौर पर खेल को कुछ बड़ा देने का निश्चय किया है । और भारत के लिए बेहद खुशी की खबर यह है की अपने पहले माइक्रोसेन्स शतरंज प्रशिक्षण के लिए उन्होने छह नन्हें भारतीय सितारों को चुना है । 

भारतीय नन्हें खिलाड़ियों के खेल का विश्लेषण करने के बाद क्रामनिक नें उन्हे खुद चुना है । 14 से 25 अगस्त तक वह भारत के युवा ग्रांड मास्टर आर प्रग्गानंधा ( 13 वर्ष ),दुनिया के सबसे कम उम्र के दूसरे ग्रांड मास्टर  डी गुकेश ( 12 वर्ष ) ,इनियान पी (17 वर्ष ),अर्जुन एरगासी ( 15 वर्ष ) ,रौनक साधवानी ( 14 वर्ष ) और लियान मेनदोनसा (12वर्ष ) को चुना है । 

एशियन ब्लिट्ज चैंपियन निहाल सरीन को भी इस प्रशिक्षण के लिए चुना गया था पर उनके पहले से ही तय टूर्नामेंट्स के चलते वह इसमें भाग नहीं ले सकेंगे

इन सभी खिलाड़ियों के साथ चेसबेस इंडिया के इंटरनेशनल मास्टर सागर शाह और अमृता मोकल भी टीम के साथ जेनेवा जाएँगे । दरसल सागर को इस आयोजन को सोच से वास्तविकता बनाने का श्रेय दिया जा सकता है क्यूंकि जब इस आयोजन की नीव राखी गयी उसे हकीकत में बदलने का काम चेसबेस इंडिया और सागर शाह नें संभव कर दिखाया !

खिलाड़ियों को माइक्रोसेन्स प्रायोजित कर रही है । 

शिविर का उद्देश्य भविष्य के विश्व चैम्पियन तैयार करना है और अगर ऐसा किसी विश्व चैंपियन के द्वारा किया जाए तो इससे बेहतर बात भला क्या हो सकती है

क्रामनिक नें कहा - भारत में इस समय दुनिया के किसी भी देश की तुलना में सबसे प्रतिभाशाली शतरंज खिलाड़ियों की पीढ़ी है और उनमें से कई बड़े खिलाड़ी बनने की क्षमता रखते है और शायद कोई इनमें से विश्व चैम्पियन भी बन जाये , और चूकी अब मैं सन्यास ले चुका है तो ऐसे में इन नन्हें खिलाड़ियों के साथ अपना ज्ञान बांटने में मुझे खुशी होगी ।
चेसबेस के संस्थापक फ्रेडरिक फ्राईडल हमेशा से दुनिया भर के नन्हे खिलाडियों को आगे ले जाने के लिए प्रयास करते रहते है इस पुरे कार्यक्रम के आयोजन मे क्रामनिक को राजी करने का काम उन्होंने किया और फिर इस कार्यक्रम की रुपरेखा बननी शुरू हुई

हम सभी जानते है की कुछ दिनों पूर्व ही भारत नें अपने 64 ग्रैंड मास्टर पुरे किये है और 2016 के बाद आई इसमें बड़ी तेजी के कई कारणों में से एक कारण इन खिलाडियों को समय समय पर इनके अच्छे प्रदर्शन के बाद उन्हें वह स्थान मिलना रहा जिसके वह हक़दार दे और चेसबेस इंडिया नें भारत हो या दुनिया का कोई कोना हमेशा से ही भारतीय शतरंज की हर खबर को आपके सामने लाया है ! और इसी तरह भारतीय शतरंज को आगे ले जाने में हम यूँ ही काम करते रहेंगे और हमें उम्मीद है आपका प्यार हमें यूँ ही मिलता रहेगा !