स्वर्गीय शैलेश नेरलेकर स्मृति ऑनलाइन ब्लिट्ज़ स्पर्धा
कुछ समय पहले भारतीय शतरंज नें एक ऐसे साहसिक व्यक्ति को खोया था जिसकी कमी आज भी खलती है पर उसके बारे मे याद करते ही मन आज भी जोश से भर जाता है उस शख्स का व्यक्तित्व ही कुछ ऐसा था ,मैं बात कर रहा हूँ शैलेश नेरलेकर की , एक और उसकी शारीरिक अक्षमता को कोई सीमा ना थी तो दूसरी और उसके मानसिक बल की भी कोई सीमा नहीं थी । अपने मानसिक बल के कमाल से वह शतरंज का अंतर्राष्ट्रीय फीडे रेटेड खिलाड़ी बना और जब तक जिया खूब शतरंज खेला और सबको खेलने के लिए प्रेरित किया । हिन्दी चेसबेस इंडिया शुरू होने पर सबसे जोशीला संदेश हमें शैलेश नें ही भेजा था क्यूंकी उसे अँग्रेजी पढ़ने मे दिक्कत आती थी । आने वाले 27 जून को हम प्ले चेस पर शैलेश की याद मे एक टूर्नामेंट के गवाह बनेंगे जिसे शैलेश के अच्छे दोस्त रहे विक्टोरियस शतरंज अकादमी के संचालक कपिल लोहाना आयोजित कर रहे है । 31000 रुपेय पुरुष्कार राशि वाले इस टूर्नामेंट मे आप कैसे भाग ले सकते है पढे यह लेख
विक्टोरियस शतरंज अकादमी स्वर्गीय शैलेश नेरलेकर मेमोरियल ऑनलाइन ब्लिट्ज़ ओपन 2020 टूर्नामेंट का आयोजन प्लेचेस पर करने जा रही है जो की शनिवार 27 जून को ₹ 31000 के कुल पुरस्कार राशि के साथ होगी। ग्रांड मास्टर ,महिला ग्रांड मास्टर ,इंटरनेशनल मास्टर और महिला इंटरनेशनल मास्टर के लिए प्रवेश निःशुल्क है। अन्य खिलाड़ियों के लिए प्रवेश शुल्क 300 रुपेय है। प्रतियोगिता दुनिया भर के खिलाड़ियों के लिए खुली हुई है । आप अभी अपना नाम दर्ज करा सकते है ।
स्वर्गीय शैलेश नेरलेकर (21.05.1977 - 10.03.2018)
शैलेश का जन्म एक साधारण परिवार में 21मई 1977 को हुआ था । डॉक्टर की गलती से वह एक ऐसी बीमारी का शिकार हुए की धीरे धीरे उनके शरीर के सारे अंग या तो प्रगति नहीं कर रहे थे या उन्होने काम करना बंद कर दिया ।
नन्हें शैलेश अन्य सभी बच्चो की तरह ही सामान्य पैदा हुए थे और उनके अभिभावको नें उनके लिए कई सपने देखे थे
शुरुआती दौर में वह भी अपने भाई बहिनो के साथ खेला करते थे
जैसे जैसे उनकी प्रतिभा अपना काम करने लगी उनकी बीमारी नें अभी असर दिखाना शुरू कर दिया
पर उम्र के साथ शैलेश का हौसला हजार मुश्किलों के बाद भी बेहतर ही हुआ और शतरंज खेल में उन्होने अपने लिए एक मकसद ढूंढ निकाला और इस खेल का ग्रांड मास्टर बनने को अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया ।
100 % शारीरिक तौर पर असक्षम शैलेश नें शतरंज में 1600 फीडे रेटिंग भी हासिल की क्या यह उनके लिए सचमुच ग्रांड मास्टर बनने जैसा प्रयास नहीं था ?
खुद सादगी की मिशाल मिसाइल मेन पूर्व राष्ट्रपति और शिक्षक स्वर्गीय डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भी उनसे प्रभावित हुए और उन्हे सम्मानित किया था
अपने सपनों को पूरा करने के प्रयास में शैलेश नें जर्मनी के ड्रेसदन में जाकर विश्व दिव्याङ्ग में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया
अपने परिवार के अपनी ताकत के साथ शैलेश !
उनके सपने पूरा करने में अगर किसी नें अपना पूरा जीवन कुर्बान कर दिया तो उनकी माँ श्रीमति सुनीता नेरलीकर भी वर्तमान समय में एक मिशाल है
स्वर्गीय शैलेश नेरलेकर स्मृति ऑनलाइन ओपन ब्लिट्ज़ स्पर्धा
दिन : शनिवार 27 जून 2020
समय : रात 8.00 बजे
टाइम : 3 मिनट प्रति खिलाड़ी
राउंड : 9
कुल पुरुष्कार राशि : ₹31000
स्थान : विश्य आनंद अरेना ,चेसबेस इंडिया रूम ,प्ले चेस सर्वर
पात्रता :
दुनिया भर के सभी खिलाड़ी ले सकते है भाग
पुरुष्कार
मुख्य पुरुष्कार
बेस्ट वुमेन
रेटिंग केटेगरी : 1801 - 2000
रेटिंग केटेगरी : 1601 - 1800
रेटिंग केटेगरी : 1000 - 1600
बेस्ट अनरेटेड
बेस्ट वीसीए खिलाड़ी
लकी पुरुष्कार
बिना क्लासिकल शतरंज रेटिंग के खिलाड़ी अनरेटेड ही गिने जाएँगे
एंट्री :
प्रवेश शुल्क ₹300. 26 जून रात 8 बजे तक ही भाग ले सकते है
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शैलेश के अच्छे दोस्त रहे विक्टोरियस शतरंज अकादमी के संचालक कपिल लोहाना आयोजित कर रहे है